1948 में, मामूली एंबेसेडर ऑटोमोबाइल - जिसे मूल रूप से "हिंदुस्तान लैंडमास्टर" के नाम से जाना जाता था - भारत में जारी किया गया था। यह मॉरिस ऑक्सफ़ोर्ड सीरीज़ III वाहन पर आधारित था, जो यूनाइटेड किंगडम में काफी पसंद किया जाने वाला ब्रिटिश ऑटोमोबाइल था।
मूल
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सेडान का 1.5-लीटर इंजन 35 हॉर्स पावर का उत्पादन करता था, जिसे उस समय मजबूत माना जाता था। राजदूत में पूरे समय में कई बदलाव हुए हैं, जिसमें उसका स्वरूप भी शामिल है।
शक्ति
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एंबेसेडर की बॉक्सी स्टाइलिंग कार की प्रमुख बिक्री कारक थी। इसकी पुरानी डिज़ाइन भाषा को इसके क्रोम ग्रिल, गोलाकार हेडलैंप और टेल फिन्स द्वारा आगे बढ़ाया गया था। ऑटोमोबाइल ने अपने अंतिम निर्माण के बिंदु तक अपनी प्रसिद्ध विंटेज अपील बनाए रखी।
डिज़ाइन
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एंबेसेडर का इंटीरियर भी उतना ही शानदार था। यह लंबी यात्राओं के लिए आरामदायक था और इसमें आरामदायक सीटें और पर्याप्त पैर रखने की जगह थी। इलेक्ट्रिक स्टीयरिंग, एयर कंडीशनिंग और इलेक्ट्रिक खिड़कियां इसकी अन्य भव्य सुविधाओं में से थीं।
इंटीरियर
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राजदूत वाहन का भारतीय ऑटो उद्योग और संस्कृति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा। कई वर्षों तक, भारतीय राजनेता, व्यवसायी और अभिजात वर्ग ने परिवहन के प्राथमिक साधन के रूप में सेडान को प्राथमिकता दी।
प्रभाव
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राजदूत की अपील कम हो गई क्योंकि उपभोक्ताओं ने अधिक समकालीन और अत्याधुनिक वाहनों को चुना। कई कठिनाइयों के बावजूद, राजदूत के पास एक समर्पित ग्राहक वर्ग है, विशेष रूप से पुरानी कारों के संग्रहकर्ताओं और पुनर्स्थापकों के बीच।